॥दोहा॥ पवनतनय सौंकट हरन मौंगल मूरनत ऱूप। राम लखन सीता सनहत हृदय बसहु सुर भूप। 10 Jhjke'kj.ke~ Lokeh lR;kuUn ekxZ] than jksM] xksgkuk ¼gfj;k.kk½ www.shreeramsharnam.com