राम

‘‘सर्व शाक्तिमते परमात्मने श्री रामाय नमः’’

नव वर्ष 2010 के अवसर पर साधकों के लिए पूज्य पिता जी का शुभ संदेश

आज हम सब नव वर्ष 2010 में प्रवेश कर रहे हैं। मेरे लिए यह अपार हर्ष का विषय है कि इस पावन बेला पर हम सब मिलकर गुरूदेव के शुभ आशीर्वाद एवं कृपा को प्राप्त कर रहे हैं। आप सब के लिए नये ओज, नये तेज, नई तंरग, नई प्रीति और सुख शांति के लिए ईश्वर से शुभ आशीर्वाद मांगता हूँ। यही प्रार्थना है कि हमस ब का जीवन राम नाम के प्रकाश से आलोकित रहे।

मेरे प्रियजनों! जीवन बीतता जा रहा है समय बड़ा अमूल्य है। उठो! अपने आप को पहचानो! मनव जन्म पाकर यदि नाम की कमाई नहीं की तो याद रखिये बाद में पछताना पड़ेगा। हम सबको नानम का आश्रय ग्रहण करना है। हर सांस के साथ ईश्वर के नाम का सिमरन होता रहे।

मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि इश्वर कृपा प्राप्त करने के लिए नाम सिमरन के समान सहज और सरल मार्ग इस युग में ओर नहीं है। नाम की शक्ति अपरम्पार है। जिस प्रकार अग्नि का स्वभाव जलाना है उसी तरह राम नाम से पाप, वासना और तृष्णायें जलकर राख हो जाती हैं। राम नाम को अपने जीवन का प्रमुख अंग बनाना है और सत्संग में जाने का संकल्प लेना है। जीवन में कभी निराश नहीं होना, मन सदैव प्रसन्नचित्त रखना है। ईश्वर पर पूर्ण विश्वास रखकर ही हम उसकी असीम कृपा के पात्र बन सकते हैं। “वह परमात्मा हमारे अंग संग है”. यह भावना होनी चाहिये। यह विश्वास जितना सबल और सुदृढ़ होगा उतना ही अधिक लाभ हम प्राप्त कर पाएँगे। व्यवहार भी सुधरेगा और परमार्थ भी। सदाचार, शुद्ध व्यवहार और पवित्र विचार ही सच्चा धर्म है। हमें प्रार्थना करनी हैः

‘‘प्रेम मग्न मन होवे मेरा, यह जीवन हो जावे तेरा।
सदा प्रेम से यही पुकारूँ, जय होवे तेरी जय होवे।।’’

आइए, हम नववर्ष 2010 का अभिनंदन करते हुए गुरू महाराज का आशीर्वाद लेकर अपने जीवन को ऊँचा उठाने का संकल्प लें। हमारे जीवन में सत्यता एवं पावनता आये और हम हमेशा दंभ, प्रलाोभन, आडम्बरों से दूर रहकर महाराज के दर्शाये मार्ग परप अग्रयर हों। हर घर में नाम की ज्योति प्रज्ज्वलित हो।

‘‘वृद्धि आस्तिक भाव की, शुभ मंगल संचार।
अभ्युदय सद्धर्म का, राम नाम विस्तार।’’

नववर्ष आपके लिए मंगलमय हो।

आर्शीवाद सहित

hanshrajsign

1-1-2010


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